ब्रह्म कमल पर मौजूद हैं ब्रह्मा जी: ब्रह्मा फूल को लेकर कई मिथक हैं। एक मान्यता के अनुसार, ब्रह्मांड के निर्माता भगवान ब्रह्मा कमल पर विराजमान हैं। वही ब्रह्मा कमल है, जिससे सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी की उत्पत्ति हुई थी। एक अन्य कथा के अनुसार जब पांडव वनवास में थे तब द्रौपदी भी पांडवों के साथ थी। कौरवों के अपमान को द्रौपदी नहीं भूल पाई। इसके साथ ही जंगल भी त्राहि-त्राहि कर रहा था।
जिससे वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगी थी। फिर अचानक उसने पानी की लहर में एक सुनहरा कमल बहता देखा, तो उसके सारे दुख एक अलग खुशी में बदल गए। कमल को देखकर उनके मन में एक अलग आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव हुआ। जिसके बाद द्रौपदी ने अपने पति भीम को उस सुनहरे फूल को खोजने के लिए भेजा। इसी खोज के दौरान भीम की मुलाकात हनुमानजी से हुई।इसे एक बार देखने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं: ब्रह्मफुल के बारे में मान्यता है कि जो कोई भी इस फूल को अपने जीवन में एक बार देखता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसे खिलते हुए देखना भी आसान नहीं है क्योंकि यह देर रात में खिलता है और केवल कुछ घंटों तक ही रहता है। यह फूल 14 साल में केवल एक बार ही खिलता है, जिससे इसे देखना बहुत मुश्किल हो जाता है।